“Hello!” फोन पर किसी सभ्य महिला की आवाज से ऋषभ की नींद खुली। “Hello, May I know who is there”. ऋषभ ने आंख खोलते हुए पूछा।
“ये मैं बोल रही हूं ऋचा ऋषभ” “हाँ, बोलो ऋचा, आज कैसे याद किया?” कहते हुए ऋषभ ने बात कम्पलीट की।
“ऋषभ तुम अपने ऑफिस कब जाओगे मुझे तुमसे मिलने है।” ऋचा कुछ परेशान सी साउंड कर रही थी। “अराउंड 10 बजे and you can come at any time.” कह कर ऋषभ ने उसे तस्सली दी। “ok, then will meet by 11:30 ok?” “Yep sure” कह कर एक बार फिर ऋषभ ने ऋचा को आश्वस्त किया।
ऋचा का फ़ोन कट करते ही ऋषभ ने अपने दोस्त मेहुल जिसके साथ वो फ़िल्म बनाने वाले थे, को कॉल किया। hi, mehul ….आज का schedule क्या है। रागीनी आएगी या नही ? आज स्क्रिप्ट लॉक करनी है यार।’ “कह तो रही थी, बट साथ में ये भी कह रही थी कही घुमा कर लाओ so lets see” कहते हुए मेहुल ने अपना एक्सक्यूज दे दिया।
“Mehul, look i warned you before too…You need to have only professional relationship with her….” बीच मे बात काटते हुए मेहुल ने कहा “hey, chill bro…She is just a good friend.”
I know tera just good friend , देख तू मेरा पार्टनर ही नही अच्छा दोस्त भी है और तुझे सही गलत बताना मेरी रेस्पॉसिबिल्टी है।” ऋषभ ने अपनी दलील दी।
“ओ आस्था चेनल, सुबह सुबह ज्ञान मत पेल। तू मेरा दोस्त है या दुश्मन? और क्यो भूल जाता है कि अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट भी रागिनी ही करा सकती है। अगर इसके बदले मैं उसके दुख दर्द को खुशी में बदलने की कोशिश करता हूँ तो …You are just impossible …And will never be able to understand the value of friendship..एक आदमी और औरत के बीच दोस्ती भी होती है” कहते हुए मेहुल ने उसे सुना दिया।
“दोस्ती….चल ठीक है जो भी है, सुन ऋचा called me up and wants to meet me…Hope everything must be ok…Is it na?”
“हो सकता है वो कुछ दिनों से मुझे अलग तरह से बर्ताव कर रही थी। anyways I know you will be able to handle it.” कह कर मेहुल ने सारा बोझा ऋषभ पर डालते हुए फोन रख दिया।
“सर, कोई मिसेस ऋचा आपसे मिलने आई है।” चपरासी ने ऋषभ के केबिन में आ कर कहा। ऋषभ की नजर घड़ी की पर पड़ी ठीक 11:30 बज रहे थे।
“Send her in” कह कर वो अपनी टेबल समेटने लगा। कुछ देर औपचारिक बातो के बाद ऋचा ने कहा, “ऋषभ मैं तुमसे कुछ पूछने आई हूं और I believe that you won’t hide me anything.” “हाँ पूछो ऋचा, क्या बात है?”
“ऋषभ, मेहुल और रागिनी….. और प्लीज् don’t argue me with all that nonsense ki professional relation and dost etc….You know what….I feel as if something is going to ruine my world….Hope you can understand.”
“हाँ थोड़ा ऑकवर्ड साउंड कर रही हूँ, तुम सोच रहे होंगे कि मैं तुमसे कभी इतनी नही बात की, इनफैक्ट हम दोस्त हो ऐसा भी कुछ नही , मैं सिर्फ तुम्हारे दोस्त की पत्नी हूँ, फिर किस हक़ से ये सब कह रही हूँ। but में जानती हूं कि तुम ही मेरी हेल्प कर सकते हो ….ये प्रोजेक्ट तुम्हारे बिना नही हो सकता और मेहुल हमेशा इस प्रोजेक्ट का बहाना बना कर मुझे चुप कर देते है …..i don’t know what to do……really need you to help me.”
पानी का ग्लास देते हुए ऋषभ ने ऋचा की तरफ देख कर कहा “हमम्म, this project is our life time dream…And indeed ragini is doing hell lot of things in it…..But yes…i can understand…तुम निश्चिंत रहो, I won’t let your world down ….”

कुछ हफ़्तों बाद…..

‘ये क्या है, ऋषभ तुम तुम दो हफ़्तों से गायब हो, मेरा फोन तक नही उठा रहे।” मेहुल ने ऋषभ के घर पहुच कर झल्लाते हुए कहा। ऋषभ ने कोई उत्तर नहीं दिया।
I have asked you something, you asshole .
क्या हुआ है?
“कुछ नहीं।” ऋषभ ने सीधा जवाब दिया। मेहुल ने पूछा “what does it means. आखिर बात क्या हुई?
“मैं रागिनी को लेकर काम नही करूँगा।” “what are you fcuking crazy ?, You know everything, that this project can’t get completed without both of you…. Don’t do thi ….Yaar it is our dream project…तुझे किसी ने कुछ कहा क्या? …Does richa asked you to do this…For the sake of our childhood friendship…..ऐसा मत कर सब मैनेज हो जाएगा, क्या तू अपने दोस्त की बात नही मानेगा? यही है अपनी दोस्ती?”
इन सारी बातों और दलीलों को चुपचाप सुनते हुए ऋषभ ने सिर्फ एक ही बात कही – मेहुल, मैन तुमसे कभी दोस्ती की ही नही, I want be a successful film maker and was in need of someone through whom I can get the contacts…And look मुझे कोई फर्क नही पड़ता रागिनी से कुछ भी, मैं ये प्रोजेक्ट बन्द कर रहा हूँ, I got a call from, french production house and will be going there next week….So, it is over now ….And thanks for everything so far we had good time…Best of luck”
ऋषभ के मुँह से ये बाते सुनकर मेहुल अब एक पल भी वहाँ रुकना नही चाहता था।
और कुछ महीनों बाद मेहुल और ऋषभ के कॉमन फ्रेंड ने मेहुल को बताया कि ऋषभ ने दूसरे शहर में रेस्टॉरेंट खोला है, और अब वो फिल्म्स से कोसो दूर है।
सभी पात्र दोस्ती के अपने अपने मायने ढूंढ़ रहै है। रागिनी और मेहुल, मेहुल ऋषभ, ऋषभ ऋचा।