नाम से ही मद की गंध देने वाली, कमल नयना, गजगामिनी अब सोलहवें साल की दहलीज पर खड़ी थी। उसके कटीले शरीर से चिपके अनुपम वस्त्र उसके यौवन को और उभार रहे थे। घटाओ से अधिक काले बालो की उसके घुटने तक आती चोटी ऐसी लग रही थी जैसे कोई नाग मोहपाश में चंदन से लिपटा पड़ा हो। यौवना ने नाभि से नीचे कटी क्षेत्र पर स्वर्ण श्रृंगारित उपवस्त्र पहने पैरों मैं स्वर्ण पाजेब को सजा पावतली पर आलता लगा अपना एक पैर जमीन पर रखा ही था कि उसके पाजेब की खनक से मृण्मय के हृदय में स्पंदन सा हुआ।
अभी उर्वशी के मात्र पैरों के ही दर्शन हो सके थे लेकिन मृण्मय को वो सदेह देवी रति की जड प्रतिमा से कई आगे बढ़ कर स्वयं देवी रति जैसी प्रतीत हुई। उर्वशी के, कक्ष में प्रवेश करते ही वहां बैठे साजिंदों के जडवत वाद्ययंत्रों में कामना का संचार कर दिया था। अब सितार के हर तार से एक अधीर प्रेमी के हृदय का नाद सुनाई देने लगा था जो किसी भी मूल्य पर अपनी प्रेमिका के आलिंगन और चुंबन के लिए आतुर हो। सितार की एक खनक के साथ ही उर्वशी ने अपनी कमर को बायीं और झुका कर नृत्य मुद्रा में अपने चेहरे पर पड़े महीन रेशम के घूंघट को हल्का सा सरकने का आदेश देते हुए अपने लाल रसीले होटो की मुस्कान से सभा का अभीवादन किया। उर्वशी के गुलाब की पंखुड़ियों से नर्म होंटो को देख कोई हटयोगी भी अपनी तप साधना को छोड़ इन मदिरा पात्रो को एक घूँट में पी जाने को लालायित हो उठता। उसके मृगनयनी आँखों से तलवार की धार से तीखी काजल की रेख ने उसके मुख को और अधिक कांतीवान बना दिया। उसके एक झलक मात्र से मृण्मय के शरीर मे प्रेम और मद की एक लहर सी दौड़ गई ऐसे मे खुद को उर्वशी के इतना समीप पा कर उसके शरीर की सुगंध से सुधबुध खो चुके मृण्मय को अब इस कामिनी से एकाकार करने उसे अंगीकार कर उसके लावण्य का रस पान करने की इच्छा उसकी जिजीविषा से भी तीव्र लगने लगी थी।
वो किसी भी मूल्य पर उस यौवना के स्पष्ट दर्शन करना चाहता था बिना किसी आवरण के । रचनाकार की इस अद्भुत कृति को वो नग्नावस्था में देख कर उस रचनाकार की कल्पनाशीलता का अनुमान लगाना चाहता था। साक्षात कामदेव ने उसके देह मे प्रवेश कर लिया था और रति समस्त शृंगार युक्त मानो उसी की प्रतीक्षा में उपस्थित थी। सदेह मिलन को आतुर जहां ह्रदय के स्पंदन, श्वास प्रश्वास साथ हो, मंद से तीव्र होते प्रेम और काम के मिश्रित भावो को महसूस करते शिथिल हो जाने की चाह में मृण्मय एक टक उर्वशी को देखे जा रहा था।